२०१३ में अन्ना जी के आंदोलन के बाद भ्रस्टाचार मुक्त भारत बनाने के लिए कांग्रेस की सरकार ने लोकपाल कानून बनाया जो मोदी जी के प्रधानमंत्री बनते ही ठन्डे बस्ते में चला गया। इस कानून को लागू कराने के लिए अन्ना जी ने फिर से आंदोलन चलाने का अथक प्रयास किया लेकिन गोदी मीडिया एवं सो कॉल्ड राष्ट्रवादियों द्वारा उन्हें देश द्रोही करार कर दिया गया और इस प्रकार भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहीम को भाजपा सरकार ने ध्वस्त कर दिया। लेकिन जरा अब सोचिये की २०१४ में कांग्रेस की सरकार होती और भाजपा विपक्ष में तो आज की गोदी मीडिया लोकपाल लागू ना करने पर कांग्रेस सरकार की धज्जियाँ उड़ा देती और अन्नाजी को पुनः अपार जनसमर्थन दिलाकर २०१४ में ही लोकपाल को भारत के कोने कोने में स्थापित करा दिया होता और आज ८-सालों में भारत भ्रष्टमुक्त राष्ट्र बनकर विश्वगुरु बनने के तरफ एक कदम आगे बढ़ाया दिया होता।
डिस्क्लेमर: यह सर्वे लोकपाल के बारे में जानने वाले करीब १०० लोगों पर आधारित है।
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